Na kar yaki tu mere akhatiyar me aakar
har chehra hasi hota sitamgar se pehle
Gairo se sitam mile apno se zakham
na gairo ke ho sake aur na apno ke ham
Duniya ki jhoothi raho par kya jeena hai
is bharm se thoda-2 sach se marna hai
आपको अपनी अदा की ताज़गी पर नाज़ है
हमको भी अपनी वफा की सादगी पर नाज़ है
आपसे लिपटी हुई पुर वाई को हम क्या कहें
आपको पुरवाई की आवारगी पर नाज़ है
आपकी आँ खों ने हमसे त ल्ख़ि यों में बात की
आपको आँख की इस नाराज़गी पर नाज है
आपने दिल के जो टुकडे कर दिये तो क्या हुआ
हमको अपने दिल की इस दीवानगी पर नाज़ ह
hi...!!!. Neha. I am from jaipur. Friendship me?